Saturday, July 30, 2016

अव्यवस्था


जल बिन त्राही – त्राही,
सूखा पड़ा तो हाहाकार |
जाने कब होगी वर्षा ?
बेबस जनता रही पुकार |
सक्षम कर लेते इन्तजाम,
आफत गरीब मजदूर किसान |
सवर्ण-कुएँ से मिले ना पानी,
दलितों पर गुंडों की मनमानी |

अब बारिश का मौसम आया,
पानी सब ओर खुशियाँ लाया |
ईश्वर की मेहरबानी ज्यादा,
पानी – पानी सब ओर छाया |
सड़कें गलियाँ पानी – पानी,
शहरी जिन्दगी हो गयी जाम |
लगातार बारिश व्यवस्था बेहाल,
मूकदर्शक सरकार जाम का झाम |

वर्षा नहीं तो चेहरे मुरझाये,
वर्षा हुई तो सम्भाल न पाये |
क्षमा करें रूकावट के लिये खेद,
सच्ची बात व्यवस्था में छेद |
प्रकर्ति से खिलवाड़ नीयत हमारी,
अपनी करनी हमीं पर भारी |
मिलजुल रहें व्यवस्था सुधारें,
काम करने की बारी हमारी |

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