Saturday, March 12, 2016

कोशिश.

कोशिश करने वालों की,   कभी हार नहीं होती है.
मंजिल जितनी दूर सही,  पर, पास हमें दिखती है.
कोशिश करना धर्म हमारा,   चाहे जो हालात सही.
कदम बढ़ाएंगे आगे,  झुकना, हमने सीखा ही नहीं.
कोशिश, भी पूरे मन से हो,  जैसे, चींटी करे प्रयास.
जीव बहुत ही छोटा है,  पर, भरा लबालब है विश्वास.
बार – बार गिरती, उठती है,  चाहे रस्ता हो दुश्वार.
सुस्ताने का नाम नहीं है,  कोशिश जारी, बारम्बार.
नियति को झुकना ही होगा,  चींटी पहुँचे मंजिल – द्वार.
हम, मानव सीखें, चींटी से,  जो है, कोशिश का अवतार.

एक बार, यदि असफल हो गये,  तो यह अन्त नहीं है.
सोचो ! क्या कुछ, कमी रह गई,  जो, हम सफल नहीं हैं.
फिर नई कोशिश, नई शुरुवात,   कोशिश पूरे मन से.
अबकी, कोई चूक न होगी,  पूर्ण – प्रयास करें, मन से.
कुछ भी नहीं असम्भव, जग में,  कुछ भी, पा सकते हैं.
ईश्वर मदद करें उनकी,   जो, स्वम मदद करते हैं.
शर्त यही, कोशिश मन से,  और, लक्ष्य पर केन्द्रित हो.
कोई कसर, रह जाय न बाकी,  कर्म, लक्ष्य शामिल हों.
अबकी बार, जीत निश्चित है,  मेहनत, रंग लाती है.
कोशिश करने वालों की,   कभी, हार नहीं होती है.

कभी – कभी होता है ऐसा,   वांछित फल नहीं पाया.
आस लगाये बैठे जिसकी,   वह, परिणाम न आया.
कारण, जो भी हों इसके,    इतना तो निश्चित है.
मेहनत, व्यर्थ नहीं जाती है, फल मिलना, निश्चित है.
देर भले हो जाय, मान,   अन्धेर नहीं होना है.
हिम्मत कभी न हारो, उठ – जागो,  तभी सवेरा है.
कोशिश, करनी ही होगी,   यदि, सफल तुम्हें होना है.
भाग्य – भरोसे रह कर तो,   जीवन, सपने जीना है.
वास्तविकता है यही,  रात के बाद,  सुभह होती है.
कोशिश करने वालों की,   कभी, हार नहीं होती है.

-    - - - - ० - - - - -

  ( यह रचना, 15 अक्तूबर 2008 को लिखी थी. )