ओलम्पिक में बेटियाँ.
खेलों का महाकुम्भ,
रियो – ओलम्पिक
सम्पन्न हुआ |
निराश खिलाडियों के
बीच,
साक्षी सिंधू ने
सम्मान दिया |
गलतियों से सबक न
सीखना,
हम भारतियों की
पुरानी आदत |
मैडल जीतने के लिये,
काफी नहीं पूजा –
पाठ इबादत ||
घर परिवार की तरह
ही,
बेटियों ने बचायी
भारत की लाज |
117 खिलाडियों का
दल,
सिर्फ दो बेटियों पर
नाज |
207 देशों के बीच,
67 वा भारत का स्थान
|
वह भी बेटियों की
बदौलत,
130 करोड़ आबादी का
गुमान ||
बेटा बेटी में फर्क
नहीं,
बिन बेटी घर बदरंगा
|
बेटों ने जब किया
निराश,
बेटियों ने लहराया
तिरंगा |
बेटी भी सक्षम, गौरव
है,
बार – बार यह सिद्ध
किया |
समान अवसर पढाओ
लिखाओ,
अब कर दो, जो नहीं
किया ||
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