जन्म- दिन और आशा
एक जुलाई याद दिलाऐ,
बीते ढेरों स्वरणिम पल.
जन्म दिन की लाख बधाई,
सोनू , सोना , क्षण, हर पल.
दूर भले ही हो, पर लगता,
जैसे हम सब कल ही मिले,
पापा जी, मम्मी जी कहते,
छुए पैर और मिले गले.
हम न सही, आशिर्वाद हमारा,
सदा तुम्हारे साथ है.
रहो कहीं भी, कवच तुम्हारा,
रक्षक ईश्वर-हाथ है.
प्रतीक्षा की घडियां लम्बी,
आंखें भी कुछ थकी-थकी.
आशा पलकों में है सोई,
और मन में रची-बसी.
बरसों पहले के वे सपने,
शायद अब रंग लायेंगे.
चुपके-चुपके उतर धरा पर,
पीछे से, चौंकायेंगे.
बीत रही है, रात ये पल-पल,
उजियारा होने को है.
जिस क्षण का इन्तजार हमें,
लगता, वह आने को है.
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