सोलह -सितम्बर, २०११
सोलह - सितम्बर दिन फिर आया,
खुशियों की, बरसात लिये.
बरसों - बरस, दिन यूं ही आये,
सपनों का आकार लिये.
जन्मदिन की लाख बधाई,
सागर की गहराई में,
विजयी बनो, खुश, दीपक बेटे,
जीवन - संघर्ष लडाई में.
सौ-सौ बार नमन ईश्वर का,
जो यह दिन दिखलाया है.
आधी-रात, जब हुआ सवेरा,
मन-अंधियारा, भगाया है.
बारह बज कर, चार मिनट पर,
खुशी की वो घडी आई.
आलोकित, पुलकित तन-मन सब,
खुशबू महकी, बन परछाई.
वैसे तो हर साल जन्मदिन,
ढेरों खुशियां लाया है.
लेकिन अबकी बार खास है,
नई आस बन आया है.
मां - पा का आशिर्वाद हमेशा,
हर हाल, तुम्हारे साथ है.
जीवन-पथ पर बढे चलो,
डाल हाथ में हाथ है.
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