माँ के जाने के बाद.
माँ के, जाने
के बाद,
सब – कुछ वैसा नहीं.
घर के, आँगन
से सटी,
जगह – जगह उग आई
घास.
नीम के पेड़
तले,
उनींदती छाँव और
खेलते बच्चे.
हैंडपंप के इर्द – गिर्द
जमीं,
पानी की काई,
और गन्दगी,
गवाही दे रहे
आपकी,
अनुपस्थितित चहल – कदमी की.
पालतू कुत्ते, कालू
ने,
अनशन कर दिया,
माँ के, जाने
के बाद.
कुछ दिनों की,
अनुनय – विनय,
और भूख की
मज़बूरी ने,
अनशन तो, तुडवा
दिया,
लेकिन, गुम – सुम उदासी में,
अब भौंकता नहीं,
माँ के, जाने
के बाद.
गाय की पहली – रोटी
जारी है.
लेकिन, अब नियमित
नहीं,
गाय जानती है,
अब, माँ नहीं.
माँ के, जाने
के बाद,
आत्मीयता की खुशबू,
हवा हो गई.
पडौस के बच्चों
की, धमाचौकड़ी,
और, औरतों की
खिलखिलाहट, गुम हो गई.
माँ की रिक्तता,
भर नहीं पायेगी,
हाँ, सांत्वना बस
इतनी,
खामोश यादों, का
मार्ग – दर्शन,
जीवन को, आगे
बढायेगा.
यादों का तूफान
गहराया,
तो, आँख का,
एक कोना भीग
जायेगा.
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