चलो, चांद पर.
दुनिया के अन्त्रिक्ष-इतिहास मे,
भारत का पहला-कदम.
बन गया मील का पत्थर,
वैग्यानिकों का सफल दम-खम.
भारत के अन्त्रिक्ष-वैग्यानिकों के,
बुलन्द हौसलौं का प्रतीक.
चन्द्रयान-एक,बाइस अक्तूबर २००८,
प्रक्षेपण, एक दम सटीक.
भारत का अन्तरिक्ष में बढा कदम,
साबित हुआ लम्बी छ्लांग,
चन्द्रयान का अन्तरिक्ष में, तीन सौ,
बारह दिन का छोटा सांग.
याद रहेगा, चन्द्र्मा की कक्षा के,
३४०० से भी अधिक चक्कर.
कर गये अपना काम, सौ प्रतिशत,
से भी ज्यादा, बढ कर.
हम दुखी थे जरुर, चन्द्रयान-एक,
के असामयिक अन्त पर.
पर रणभूमि में, वीर योद्धा की तरह,
कर चुका था काम, समय पर.
दर्ज कर गया चांद पर पानी,
के सबूत, मिटने से पहले.
धन्य हो गयी भारत-मां, जांबाज,
सपूतों के काम से, कह ले.
पहले भी हमने,’शून्य; रचा,
दुनिया को गिनती सिखलाई,
अब चन्दा पर पानी है,
देख, है दुनिया ललचाई.
एक आस जगी, सपना देखा,
चांद पे बस्ती बसायेंगे.
शुरुवात हो गयी पानी से,
चलो चांद पर, छुट्टियां मनायेंगे.
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