Wednesday, September 8, 2010

सपने सच भी होते हैं.


सपने सच भी होते हैं.
जब हौसलों में जान हो.
सिर्फ़ देखना ही काफी नहीं,
पूरे करने की, मन में ठान हो.

कल्पना की उडान में,
पंखों का योगदान कम है.
असल बात है, मजबूत इरादे,
तभी तो, उडान सम्भव है.


यूं तो, सपने सभी देखते हैं,
इतराते हैं, खुश होते हैं.
कितने हैं ? जो आगे बढते हैं,
पूरे करने की, कोशिश करते हैं.

जैसी द्रष्टि, वैसी स्रष्टि,
अपना, अपना नजरिया है.
असंख्य खजाने, छुपे हुए हैं,
कोशिश ही, पाने का जरिया है.

कोशिश भी, सिर्फ कोशिश नहीं,
कर्मठता और लगन जरुरी हैं.
प्रयत्नों में, यदि जुनून नहीं,
तो सारी कोशिशें, अधूरी हैं.

मजबूत इरादों, के सैलाब को,
क्या कभी, अड्चनें रोक पायीं हैं ?
मन में हो, कर गुजरने की चाह,
तो जुगनू ने, राह दिखायी है.

जीत उन्हीं को मिली,
जिन्होंने सोचा, हम जीत सकते हैं.
एक सपना नहीं, हजार सपने हैं तुम्हारे,
उठो, बढो, ठान लो, हम जीत सकते हैं.
---०---

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