Tuesday, May 12, 2015

सोलह सितम्बर २०११.                         
सोलह सितम्बर दिन फिर आया,  खुशियों की बरसात लिए.

बरसों बरस दिन यू ही आये, सपनों का आकार  लिए.

जन्मदिन की लाख बधाई, सागर की गहराई  में.

विजयी बनो ,खुश, दीपक बेटे ,जीवन- संघर्ष लडाई में. ,


              सौ सौ बार नमन ईश्वर का ,जो यह दिन दिखलाया है.

              आधी- रात जब हुआ सवेरा, खुशिया लेकर आया है,

              बारह बज कर,चार मिनट पर,खुशियों की वो घड़ी आई.

              आलोकित ,पुलकित  तन- मन ,, खुशबू महकी, बन परछाई.


वैसे तो हर साल जन्मदिन, ढेरों खुशियों लाया है.

लेकिन अबकी बार खास है, नई आस बन आया है.

माँ- पा का आशीर्वाद हमेशा, हर हाल तुम्हारे साथ है.

जीवन- पथ पर बढ़े चलो, डाल हाथ में हाथ  है.

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