Thursday, December 31, 2009

nav varsh ka abhinandan

नव वर्ष का अभिनन्दन.
२०१०


नव वर्ष का है अभिनन्दन, अभिनव वन्दन.
मंगलमय हो वर्ष - सन दो हजार दस.
ढेरों खुशियां लाये, हो चहुं ओर शांति.
आशायें हों फलीभूत,शान्ति ही बने क्रान्ति.
एक बनें सब देश, भुला कर द्वेष.
मंगल ही मंगल हो, भू मंडल पर शेष.

मां का आंचल स्वर्ग बने, ना बच्चा रोये.
तन पर कपडा, भूखे पेट ना कोई सोये.
सभी धर्म - सम्प्रदाय बराबर, बैर ना होये.
शिक्षा का प्रसार-बने हथियार, ग्य़ान जो होये.
आतंकवाद की बडी चुनौती, निबटा लेंगे.
पर्यावरण बचा, हम सब को बचा ही लेंगे.

जीवन - कविता के मधुर बोल.
घर - आंगन गूंजें डोल डोल.
कोयल की मीठी कूक बने.
अल - सुभह जगाये, गीत बने.
जन जन से दूर, नफरत-बदबू.
हर ओर बहे, भीनी - खुशबू.

--- ० ---

No comments: