Friday, July 3, 2009

B,DAY WISH.



एक जउलाइ १९८०

अतीत के झ्घरोखओ से, यादओ ने जब झान्का
चईत्र उभ्अर कर आये, तीन द्श्क पहले के कुछ
आज खुशी का दईन फिर आया, सपनो कअई सौगात लिये
सपने जो सच ही होन्गे, मा‘-पा का आशीरवाद लिये.

उन्तीस बरस पहले आज ही के दिन ,समय ने ली थी अन्ग‘ङाई
जोघपुर की शाम के अन्धेरे मे, आठ बज कर पएतालिस मीनट
पुलकीत हुआ मन, मम्मी - पापा का, छओटा सा घर - सन्सार
एअक नई खुश्बु, मह्का दिया जिसने, तन मन घर - आन्गन.
सजीव हो उठी अपनो की, नीरस, छॊटी सी दुनीया

जन्म - दिन की लाख बधाई, ढेर सारा प्यार
मम्मी कह्ती’ सोना- बेटा, अन्कल कह्ते शेर
पापा कह्ते सन्दीप-बेटा, ऊण्देल रहे सब प्यार - दुलार
निय्ति ने किया था वादा, कोशिश से सब सम्भव होगा
धन्य आज हेइन मम्मी-पापा, ईशवर का आभार.
बनी रहे यह जोडी(भाई) यउ ही, नत - मस्तक हम पर्भु के द्वार.
ईशवर ने हमे दे दिया सब कुछ, सम्भाल,सन्जोना, जिम्मेदारी.
पर्भु-ईच्छआ ही सर्वओपरि हेइ, कोशिश अपनी, भआगीदारी.

माना लक्च बडा हे तुम्हारा, पूरा करना भी हेअ जरुरी
फिर भी वास्तिव्क्ता जीवन की, मुह- मोड्ना भी गैर जरुरी
माना ,आजआदी मन-की, इन्सान का बुन्यादी - हक हेअ
लेअकिन दुरुप्योग न हो इसका, यह भी तो जिम्मेदारी हेअ
मेरा वादा हेअ, तुम से यह, राह का रोडा नही बनेगे.
जो भी हेअ, जैसे भी हेअ, हम, मिल-जुल कर राह बनायेगे.

हम तो चाहेन्गे निश्च्य ही, मन-पसन्द जीवन-साथी, चुन
मम्मी-पापा का सूनापन, अपना-अधूरापन पूर्ण करो.
अन्तिम - फऐस्ला, विवेक तुम्हारा, वही करो जो जन्चे सही.
बेह्तर हो यदि, सब हो शामिल, मा की ममता रही पुकार.
घडी आ गयी हेअ फैसले की, करता नही समय इन्तजार.

एअक बार फिर ईश्वर से हेअ , यही प्रार्थ्ना
फूळॊ - फ्ळॊ, सुखी - जीवन मेअ, हन्स्ते-हन्स्ते गुजरे.
भावुकता मेअ आन्खे गीली ,पर मन मेअ विश्वास भरा.
सपने सचमुच ही सच होन्गे, समय लिये आकार चला
जश्न मनायेगे सब मिलकर, ईशवर का आभआर भला.

सन्दीप की याद-दीपक के साथ
पापा.

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