Thursday, May 21, 2015

२०१४ :  मंगल – कामना.

नये- साल,  का अभिनन्दन है,   नव- वर्ष,  मंगलमय हो.
बीता- वर्ष,  तो बीत गया है,   अब, नया- साल, मुबारक हो.
सभी सुखीं हों,  सभीं स्वस्थ हों,   सभी ओर, खुशहाली हो.
मानव में,  मानवता जागे,   सत्य- अहिंसा,  पाली हों.

आपस में,  अपनापन आये,   भाई- भाई में,  भाईचारा.
सुख- दुःख, सब मिलकर, बाँटेंगे,  दूर भगायेंगे, अँधियारा.
चमत्कार की,  उम्मीद छोड़,   छोटी- छोटी  खुशियाँ ढूंढें.
सभी,  एक ईश्वर, की रचना,   पाठ पढ़ायें,   और पढ़ें.

हम बदलेंगे,  युग बदलेगा,   ऐसी सोच,  हमारी हो.
मिल- कर मसले, सुलझा लेंगे,  सबकी जय, सबकी जय, हो.
भूखा- नंगा,  रहे ना कोई,    ईश्वर,  ऐसा कुछ कर दो.
सदाचार और  सेवा- भाव हो,   परमेश्वर  ऐसा वर दो.
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( यह रचना, १९ दिसम्बर २०१३ को लिखी गयी. )


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