समय
( यह रचना, २२ जुलाई, २०१४ को लिखी गई. )
नहीं, समय के, साथ
जो, चलते, वे,
पीछे रह
जाते हैं.
समय, और सागर की लहरें, इन्तजार, नहीं करते
हैं.
समय, गँवाना, धन खोने, सा,
नहीं, उससे ज्यादा
है.
गुजरा वक्त, नहीं आता, धन,
फिर भी, मिल
जाता है.
समय – बराबर, नहीं कीमती, धन – दौलत, हीरे –
मोती.
जिसने, समय को,
पहचाना, जीता, हार, नहीं होती.
जिसने, समय को, नष्ट
किया, वह,
स्वयं, नष्ट
होता है.
समय, हाथ से,
फिसल गया, फिर,
जीवन – भर रोता है.
समय, की इज्जत
करो, समय, तुमको इज्जत बखशेगा.
मनोकामना, पूरी होगी, जो, नहीं
हुआ, वह,
होगा.
आज का काम,
आज ही, पूरा, कल,
पर ना, छोड़ेंगे.
आज, समय है,
काम, करेंगे,
कल, होगा जो,
देखेंगे.
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