Tuesday, June 23, 2015

कर - भला, हो – भला.


( यह रचना, १२ जुलाई, २०१४ को लिखी गई. )

कठिन,  होते   हुए   भी,    भले   बने – रहना,  है  बेहतर.
जिन्दगी,  जीने – लायक  है,   ये,  सोच,  आयेगी  निखर  कर.
जीवन  में,  छिपे,  अच्छे – पलों   का,    इन्तजार,  बना  रहेगा. 
थोड़ा  कम,  या,  देर  से  ही,   सही,    सकून,  जरुर   मिलेगा.

कंटीली – झाड़ियों,  के  बीच,   राह  बनाना,   मुश्किल   है,   नामुमकिन  नहीं.
अँधेरी, - रात,  में,  राह,  ढूँढना,  बिना,  सहारे,   कठिन,  है,  असम्भव  नहीं.
आशाओं  की,  रोशनी  में,   चल  कर,    देखो  तो,    अँधेरा,  लौट  जायेगा.
हारी -  हुई,   बाजी  में,  धैर्य,   दिखाओ  तो,     हौसला,  जीत  जायेगा.

नेक,  बने  रहने  का,  फल,  मिले,  ना  मिले. बुराई,  पस्त  हो  जायेगी.
परिस्थियाँ,  जो,  विचलित  कर  रहीं  हैं,    नेक – नीयत,  से,  हार  जायेंगी.
कर   लो,   फैसला,   मन    में,      हर – हाल,    भला,   सोचेंगे.
यदि,   आज,   जीत   नहीं   पाये,     कल,   हम    ही,   जीतेंगे.


-    - - - - ० - - - - - 

No comments: